UNESCO World Heritage Site : शांति निकेतन अब यूनेस्को द्वारा मान्यताप्राप्त विश्व विरासत स्थल (World Heritage Site) बन चुका है। सऊदी अरब में विश्व धरोहर समिति के 45वें सत्र के दौरान शांति निकेतन को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। भारत का 41वां विश्व विरासत स्थल बनना मात्र कोई मान्यता या सिर्फ गर्व की बात नहीं है, यह इस ऐतिहासिक शहर, पश्चिम बंगाल और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक, शैक्षणिक और ऐतिहासिक विरासत का प्रमाण है।
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| चित्र: UNESCO ट्विटर अकाउंट से साभार |
शांति निकेतन की कला, शिक्षा, प्राकृतिक वातावरण और ग्रामीण विरासत के अनूठे मिश्रण ने पीढ़ियों से लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा है, देशी विदेशी साहित्यिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक और प्रकृति प्रेमी पर्यटकों का दिल मोहा है। अब इस अनूठे स्थल को वैश्विक प्रशंसा प्राप्त हो रही है जिसका यह हकदार है।
शांति निकेतन (Shantiniketan) स्थापना: नोबेल विजेता रविंद्रनाथ टैगोर और उनके पिता द्वारा स्थापित है शांतिनिकेतन
शांति निकेतन (Shantiniketan) में गुरुदेव ने स्थापित किया प्रतिष्ठित विश्व भारती विश्वविद्यालय।
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शांति निकेतन (Shantiniketan) क्यों है प्रसिद्ध?
"विश्व भारती भारत का प्रतिनिधित्व करती है। यहां भारत की बौद्धिक सम्पदा सभी के लिए उपलब्ध है। अपनी संस्कृति के श्रेष्ठ तत्व दूसरों को देने में और दूसरों की संस्कृति के श्रेष्ठ तत्व अपनाने में भारत सदा से उदार रहा है। विश्व भारती विश्वविद्यालय भारत की इस महत्वपूर्ण परम्परा को स्वीकार करती है।"
शांति निकेतन (Shanti Niketan) के छात्र जो बने महान विभूति।
पर्यटन मंत्रालय का भागीरथ प्रयास वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर भारत का बढ़ा कद
पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार के केंद्रीय पर्यटन मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगातार कटिबद्ध होकर कई महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में भारत में महत्वपूर्ण पर्यटन गंतव्य के रूप में खुद को स्थापित कर चुका है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी जो स्वयं एक महान घुमक्कड़ और तीर्थयात्री हैं उनके कार्यकाल के विगत वर्षो में दर्जन भर भारतीय पर्यटन स्थल विश्व विरासत स्थल की सूची में खुद को दर्ज करवा चुके हैं।
नोबेल विजेता प्रसिद्ध साहित्यिक विभूति गुरु रविंद्रनाथ ठाकुर द्वारा स्थापित शांति निकेतन के महत्व को विश्व मंच पर स्वीकार कर विश्व विरासत सूची (World Heritage Site) में सम्मिलित करने के लिए यूनेस्को (UNESCO) के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं। यूनेस्को का यह कार्य पश्चिम बंगाल में पर्यटन के लिए नए क्षितिज खोलने, पश्चिम बंगाल में अधिक पर्यटकों को लाने और स्थानीय समुदाय के लिए पर्यटन द्वारा अनगिनत नए आर्थिक अवसर प्रदान करने का द्वार खोलेगा।


