SSR की आखिरी फिल्म 'दिल बेचारा' दुनियाभर के दर्शको और सुशांत के फैन्स के लिए एक साथ OTT प्लेटफॉर्म्स पर तय समय से आधे घंटे पहले ही रिलीज कर दी गया है।
फ़िल्म समीक्षकों और दर्शकों ने सुशांत और संजना की जोड़ी और दोनो के उम्दा अभिनय के साथ साथ सैफ अली खान के भी अभिनय को सराहा है। अधिकांस समीक्षकों ने फ़िल्म के अभिनय, डायलॉग डिलीवरी, निर्देशन और संगीत को सराहा है और 5/5 स्टार दिए है।
यह फ़िल्म प्रसिद्ध उपन्यासकार जान ग्रीन के प्रसिद्ध पुस्तक 'द फाल्ट इन अवर स्टार्स' पर आधारित है। जिसपर पहले भी अंग्रेजी भाषा मे फ़िल्म बन चुकी है।
फ़िल्म झारखंड के जमशेदपुर से चल कर फ्रांस के प्रसिद्ध शहर पेरिस तक जाती है। देशी लोकेशन, संवाद, के साथ-साथ प्रेमी जोड़ों के लिए सुप्रसिद्ध शहर पेरिस के भी दर्शन होते है।
दिल बेचारा की कहानी
कहांनी है एक चुलबुले, मस्तमौले और हर पल जिंदगी को बेहतरीन तरीक़े से जीने वाले एक युवा इम्मानुअल राजकुमार जूनियर उर्फ मैनी (सुशांत सिंह राजपूत) जो एक गंभीर बीमारी ऑस्ट्रियोसर्कोमा कैंसर से जूझ रहा है और इस बीमारी ने उसके एक पैर को भी खत्म कर गई है। बंगाली बाला के रूप में किजी वासु(संजना सांघी) थायरायड कैंसर से जूझती अपनी मौत से पलपल डरने वाली एक अकेली लड़की है। जिसे अपने साथ छोटा ऑक्सीजन सिलेंडर भी रखना पड़ता है। किजी का एक फेवरिट सिंगर है जिससे वो अपनी जिंदगी में एक बार मिलने की इच्छा है और उसका नाम अभिमन्यु वीर सिंह (सैफअली खान) है उसका आखिरी गाना अधूरा है। उसकी यह इच्छा खुद कैंसर से जूझ रहे मैनी (सुशांत) पूरी करते है और उसे पैरिस लेकर जाता है। अपने फेवरेट सिंगर लेखक से मिलकर किजी को उसके खराब रवैये से निराशा ही महसूस होती है। लेकिन उसके निराशा और डर को उसका साथी मैनी फिर से दूर कर उसके मन जीवन की एक नई आशा जगाता है।
दिल बेचारा क्यों देखे-
- जिंदगी से निराशा और मौत के डर को दूर करके उसे बेहतरीन तरीके से जीना सीखने के लिए देखें।
- सुशांत सिंह राजपूत के अंतिम विदाई और उनके उम्दा अभिनय को देखने के लिए।
- दिल बेचारा को देखना सुशांत के लिए सच्ची श्रद्धांजलि है।
- जीवन को बेहतर नजरिये से जीने के लिए इस मूवी को देखना आवश्यक है।
दिल बेचारा में सुशांत के फेमस डायलॉग्स-
- जब कोई मर जाता है उसके साथ जीने की उम्मीद भी मर जाती है, पर मौत नहीं आती।
- जन्म कब लेना है और कब मरना है ये तो हम डिसाइड नहीं कर सकते, लेकिन कैसे जीना है ये हम डिसाइड करते हैं।
- मैं बहुत बड़े-बड़े सपने देखता हूं पर उन्हें पूरा करने का मन नहीं करता।
- हीरो बनने के लिए पॉपुलर नहीं होना पड़ता, वो रियल लाइफ में भी होते हैं।
-प्यार नींद की तरह होता है धीरे-धीरे आता है, और फिर आप उसमें खो जाते हैं।
-मैं एक फाइटर हूं और मैं बहुत बढ़िया तरीके से लड़ा।
दिल बेचारा कास्ट-
सुशांत सिंह राजपूत:- एमैनुएल राजकुमार जूनियर उर्फ मैनी
संजना सांघी:- किज्जी बासु
सैफ अली खान:- आफताब खान
निर्देशक:- मुकेश छाबरा
पटकथा: शशांक खेतान और सुप्रोतिम सेनगुप्ता
संगीतकार: ए. आर. रहमान
सुशांत सिंह राजपूत की यह अंतिम मूवी दुनियाभर में धूम मचा रही है। फ़िल्म जरूर देखें और ये फ़िल्म समीक्षा और सुशांत के लिए अगर दो शब्द श्रद्धांजलि स्वरूप देना चाहे तो कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।।
बहुत सुंदर लेख, सुशांत सिंह राजपूत याद में हमेशा रहेंगे
जवाब देंहटाएंबहुत स्पष्ट और सरल विवेचना की है फ़िल्म की, हालाँकि अब तक सब देख चुके होंगे लेकिन देखन के बाद आपकी विवेचना की और बढ़िया तारीफ करेंगे या कर सकेंगे पढ़ने वाले
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