साहसिक पर्यटन वर्ष (Adventure Tourism) 2018 पर विशेष

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पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार पर्यटन क्षेत्र में साहसिक और रोमांचकारी पर्यटन से होने वाली आय और देशी-विदेशी युवाओं के बढते रुझान को देखते हुए वर्ष 2018 को साहसिक पर्यटन वर्ष (Adventure Tourism Year 2018) के रुप में मना रहा है।




भारतवर्ष प्राचीन काल से अन्य देशों के लिये आकर्षण का केन्द्र रहा है। धार्मिक, आध्यात्मिक, शैक्षणिक, प्रशासनिक, प्राकृतिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक एवं स्थापत्य से भरपूर प्राचीन भारत में विदेशी विद्वान कई संकट उठाकर भी ज्ञानार्जन और विशाल वैभव को देखने के लिए आते रहे हैं। अपने यात्रा वृतांत में अतुल्य भारत का वर्णन करना वह अपना गौरव समझते थे। ज्ञानार्जन के लिए यात्रा आज भी अनिवार्य है। प्राचीन ऋषि-मनिषियों ने भी मानव के विकास, सुख, शांति, संतुष्टि, ज्ञान, धन व मनोरंजन के लिए पर्यटन को आवश्यक तत्व माना है ।

‘विधाक्तिम शिल्पं तावन्नाप्यनोती मानवः सम्यक यावद ब्रजति न भुमो देशा - देशांतर:।‘ (पंचतंत्र)

मानव सभ्यता के विकास में पर्यटन व यात्रा का महत्वपूर्ण योगदान है। जैसे-जैसे मानव सभ्यता का विकास होता रहा यात्रा के प्रकार में भी बदलाव होते रहे। वस्तुतः भोजन की खोज से शुरू हुई यात्रा ज्ञानार्जन, धनार्जन, मनोरंजन, धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, स्वास्थ्य, विलासिता के साथ-साथ अब साहसिक और अंतरिक्ष पर्यटन तक पहुंच चुकी है। भारत में प्रकृति ने प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक संपदा प्रदान किया है। पर्वत, पहाड़ी, नदी, रेगिस्तान, झड़ने, मैदान, वन-उपवन, सागर इत्यादि पर्यटकों को आकर्षित करने वाले सभी पर्यटन तत्व वर्तमान भारत में अभी भी विद्यमान हैं, जो घरेलू के साथ विदेशी पर्यटकों के भी आकर्षण का केन्द्र और भारत के राष्ट्रीय आय का महत्वपूर्ण साधन है।




वर्तमान समय में पर्यटन विश्व का दूसरा सबसे बड़ा उद्योग बन चुका है। यह भारत के सकल रोजगार में 12।36 प्रतिशत का योगदान योगदान करता है। वर्ष 2017 में 15.6 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर से 1.8 करोड़ विदेशी आगंतुक भारत घुमने के लिए आए, जिनसे हमारे देश को लगभग 1,80,379 करोड़ रुपये की आय प्राप्त हुई है।

युवाओं में साहसिक क्रियाकलाप और साहसिक खेल से जुड़े लगाव को देखते हुए पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार ने साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक प्रस्ताव के रूप में वर्ष 2018 को साहसिक पर्यटन वर्ष के रूप में मनाने का फैसला किया है, और वैश्विक स्तर पर प्रचार के प्रत्येक साधन का उपयोग कर रही है।

भारत प्राचीन काल से सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक विविधताओं वाला देश रहा है, इसमें साहसिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। पर्वतारोहण, ट्रैकिंग, बंजी जंपिंग, माउंटेन बाइकिंग, कैनोइंग, राफ्टिंग, कयाकिंग, ज़िप अस्तर, पैराग्लाइडिंग, सेड्बोरडिनग, गुफा-यात्रा( केविंग), रॉक क्लाइम्बिंग और सभी प्रकार के सफारी जैसे जंगल, पर्वत, रेगिस्तान में सवारी के लिए जीप या अन्य पशुओं की सवारी शामिल हो सकते हैं। साहसिक यात्रा के सम्मिलित अन्य रूपों में सांस्कृतिक एवं धार्मिक यात्रा एवं उत्सव भी सम्मिलित हैं जैसे की जली-कट्टू, कांवड़ यात्रा, मानसरोवर यात्रा, अमरनाथ यात्रा, वैष्णोदेवी यात्रा, नंदा देवी पदयात्रा आदि। (इनमें अधिकतर घरेलू पर्यटक ही शामिल होते हैं)।

पर्यटकों को आकर्षित करने वाले महत्वपूर्ण साहसिक गतिविधियाँ और उनसे जुड़े पर्यटन स्थल।


वन्यजीव सफारी (Jungle Safari)




दुनिया में एक लोकप्रिय भूमि आधारित साहसिक यात्रा है। वन्यजीव प्रेमी हाथी, ऊंट, जीप या अन्य माध्यम से जंगल एवं राष्ट्रीय उद्यान में प्राकृतिक रूप से निवास करने वाले जीवों को आमने-सामने देखने का आनंद लेते हैं। भारतीय पर्यावरण और वन मंत्रालय के अनुसार, भारत में कुल 103 राष्ट्रीय उद्यान हैं। उत्तराखंड का जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान है और परियोजना टाइगर पहल के तहत आने वाला पहला भी था। जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान (उत्तराखंड), गिर राष्ट्रीय उद्यान (गुजरात), रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान (राजस्थान), काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (असम), सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान (पश्चिम बंगाल) आदि देश के साहसिक पर्यटन प्रेमियों के लिए प्रमुख स्थल हैं।

पर्वतारोहण (Mountaineering)




पर्वतारोहण की शुरुआत उंचे पर्वत शिखरों पर विजय पाने की महत्वाकांक्षा से जुड़ी हुई है। एक पर्वतारोही के लिए चपलता, ताकत, मानसिक धैर्य और सहनशक्ति के साथ-साथ अनुभव, शारीरिक क्षमता, दक्षता और तकनीकि ज्ञान की आवश्यकता होती है। समय के साथ पर्वतारोहण के स्वरुप मे कुछ परिवर्तन हुए हैं। भारत में पर्वतारोहण एक खेल का रूप धारण कर चुका है और लगभग सभी पर्वत पर पर्वतारोही अपने शौक को पूरा करते हैं, परंतु विश्व के सभी पर्वतारोही का जीवनलक्ष्य होता है विश्व के सबसे उंचे शिखर हिमालय के एवरेस्ट पर चढ़ना। भारत के 19 पर्वतारोही अबतक इस शिखर पर पहुंच चुके हैं।

रॉक क्लाइंबिंग (चट्टानों पर चढ़ाई) (Rock Climbing)




यह सबसे खतरनाक साहसिक खेलों में से एक है। इस क्रियाकलाप में खिलाड़ी प्राकृतिक, कृत्रिम उंची चट्टानों पर या दिवारों पर चढ़ता है। इसमें निर्धारित शिखर पर सकुशल पहुंचना एवं प्रारंभिक स्थान तक पुनः वापस आना शामिल होता है । इसके लिए कई प्रतियोगिताएं भी आयोजित करवाई जाती है, जिसमें न्यूनतम समय में शिखर पर पहुंचना और वापस आना शामिल होता है। अच्छे खिलाड़ी के लिए फुर्ती, ताकत, संतुलन, धैर्य एवं योग्यता की आवश्यकता होती है।

ट्रैकिंग (Tracking) (पैदल यात्रा)



पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय साहसिक गतिविधि है। ट्रैकिंग करने में अत्यधिक साहस, आत्मविश्वास और मजबूत शारीरिक गठन की आवश्यकता होती है। सामान्यतः ट्रैकिंग एक लंबी कठिन पैदल यात्रा होती है। भारत में पहाड़ों की यात्रा न केवल प्राकृतिक सौंदर्य, बल्कि आध्यात्मिक मार्गदर्शन का स्रोत भी दर्शाती है। हिमालय एवं अन्य पर्वत की ऊंचाई पास और प्राकृतिक सुंदरता ट्रेकिंग के लिए आकर्षक अवसर प्रदान करती है। चादर ट्रैक यानी फ्रोजन रिवर, पिन पार्वती ट्रैक (हिमाचल), सिंगलिला कंचनजंगा ट्रैक, फूलों की घाटी (नेशनल पार्क ट्रैक), रूपकुंड ट्रैक, बागीनी ग्लेशियर ट्रैक (उत्तराखंड), कश्मीर ग्रेट लेक ट्रैक आदि प्रमुख ट्रैकिंग स्थल हैं।

कैम्पिंग (Camping) (शिविर)



प्रकृति के सानिध्य में अपने परिवार, कार्यालय के सहयोगी, मित्र या किसी अन्य समूह के साथ शिविर में कुछ समय व्यतित करना कैम्पिंग कहलाता है। इसमें आप अपने नियमित दिनचर्या से हटकर प्रक़ति के संग रहते है और पुनः स्वयं को शारीरिक और मानसिक रुप से तरोताजा कर लेते हैं। ट्रैकिंग भारत के लगभग सभी पर्वतीय तीर्थों और पर्यटक स्थलों पर किया जाता है। यह विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का बड़ा केंद्र भी है।

स्काइ डाइविंग (Skydiving)



स्काइ डाइविंग दुनिया में एक लोकप्रिय वायु आधारित साहसिक खेल है। जिसमें आपको एयरक्राफ्ट के द्वारा पैराशूट लिए ऊंचाई से छलांग लगानी होती है। कुछ देर हवा में रहने के बाद आपको अपना पैराशूट खोलना होता है, फिर सुरक्षित स्थान देखकर लैंडिंग करनी होती है। भारत में स्काइडाइविंग का अनुभव प्रदान करने वाले पर्यटन स्थल मैसूर (कर्नाटक), धाना (मध्य प्रदेश), दीसा (गुजरात), पांडिचेरी, एंबी वैली (महाराष्ट्र) आदि प्रमुख और उपयुक्त स्थल हैं।

रिवर राफ्टिंग (River Rafting)



रोमांच, रफ्तार और चुनौतियों का असरदार अनुभव करने के लिए रिवर राफ्टिंग शानदार विकल्प है, लेकिन अन्य दूसरे खेलों की तुलना में काफी जोखिम भरा होता है। उत्तराखंड के अलकनंदा, भागीरथी, ऋषिकेश के पास गंगाजी, जम्मू-कश्मीर के सिंध और जांस्कर, सिक्किम में तीस्ता नदी, हिमाचल प्रदेश की बीस नदी और अरुणाचल प्रदेश के ब्रह्मपुत्र और सुबनसारी कुछ ऐसी जगहें हैं, जहां पर आप रिवर राफ्टिंग का लुत्फ़ उठा सकते हैं।

बंजी जम्पिंग

यह एक प्रमुख साहसिक क्रियाकलाप है। इसमें व्यक्ति को ऊंची प्राकृतिक या कृत्रिम संरचना से एक लम्बी लचीली रस्सी की सहायता से नीचे गिराया जाता है। आप तेजी से नीचे आते हैं परंतु सतह से कुछ दूर पर ठहर कर पुनः उपर जाते हैं। इसका रोमांच आप उम्रभर नहीं भूल सकते हैं। ऋषिकेश के मोहन चट्टी गांव, बैंगलोर में स्थित ओज़ोन नामक स्थान, दिल्ली में मौजूद वंडरलस्ट नामक स्थान, गोवा में अंजुना बीच के पास स्थित ग्रेविटी ज़ोन, लोनावाला स्थित डेल्ला एडवेंचर आदि महत्वपूर्ण बंजी जम्पिंग स्थान है।

नौकायन (Boating)



मानव सभ्यता का विकास ही नदियों के निकट हुआ है। नौकायन या नौका विहार प्राचीन काल से ही मनोरंजन एक अच्छा साधन है। वर्तमान में नौकायन के स्वरूप में कुछ परिवर्तन हुए हैं। ये हैं – (क्रूज बड़े जहाजों पर शाही यात्रा), राफ्टिंग, डोंगीचालन आदि।

भारत में सभी लगभग सागर, नदियों, झीलों, अभ्यारण्य, पार्क एवं मानव निर्मित जलीय क्षेत्रं में नौकायन जैसे मनोरंजक खेल का आयोजन किया जाता है। इसमें राज्य और केंद्र सरकार की सहभागिता के साथ निजी क्षेत्र की भी उपस्थिति रहती है।

लहरबाजी (Surfing)(सर्फिंग)



सर्फिंग का शाब्दिक हिंदी होता है फिसलना। इसमें एक लकड़ी के बोर्ड की सहायता से बर्फीली पहाड़ी, समुद्र, नदी या झील के तेज पानी की लहरों पर अपना संतुलन बनाते हुए फिसलना होता है। युवा पीढी के बीच पूरी दुनिया में लोकप्रिय सर्फिंग को साहसिक खेलों में से एक माना जाता है और यह है भी। बर्फीली पहाड़ी पर से शुरू हुआ यह खेल अब जल और आकाश में भी किया जा रहा है। भारत में लोकप्रिय सर्फिंग स्थल में गोवा, कन्याकुमारी, रामेश्वरम, कोवलम, ऑरोविले (पांडिचेरी), विजाग (विशाखापत्तनम) द्वारकापुरी, जग्गनाथपुरी के समुद्र तट एवं कृष्णा नदी प्रमुख हैं। इस साहसिक खेल को ओलम्पिक खेल में भी स्थान दिया गया है।

स्कीइंग (Skiing)

यह भी लगभग सर्फिंग की तरह ही लोकप्रिय साहसिक खेल है। इसमें पांव के नीचे स्की (लकड़ी, धातु या प्लास्टिक के तंग तख़्ते) इसमें ऐसे जूते पहने जाते हैं, जो विशेष कुंडियों के ज़रिये नीचे स्कीज से जुड़ जाते हैं। स्कीबाज़ी में अक्सर दोनों हाथों में सहारे के लिए एक-एक छड़ी पकड़ कर बर्फ़ीली ढलानो पर अपना संतुलन बनाते हुए एवं करतब दिखाते हुए फिसला जाता है। भारत की आंचल ठाकुर इसकी पहली स्वर्ण पदक विजेता खिलाड़ी हैं। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, सिक्किम आदि के प्रमुख बर्फीली पहाड़ी इसके लिए मशहूर पर्यटन और प्रशिक्षण केंद्रों में शामिल हैं।

गुफा यात्रा (Caving)




यह भारत में शैक्षणिक, धार्मिक, अध्यात्मिक यात्रा के साथ एक महत्वपूर्ण साहसिक यात्रा भी है। इस यात्रा में हमें प्राचीन संस्कृति, कला, स्थापत्य के साथ अपने अतुल्य विरासत को समझने का अवसर प्राप्त होता है। भारत में प्रचलित साहसिक, धार्मिक, शैक्षणिक गुफा यात्रा में वैष्णो देवी, मैहर देवी, नंदा देवी, अमरनाथ यात्रा आदि दु्र्गम यात्रा सम्मिलित है। इसके अतिरिक्त विश्व विरासत स्थल अजंता की गुफाएं, एलोड़ा की गुफाएं, एलिफेंटा की गुफाएं (महाराष्ट्र), भीमबेटका की गुफाएं (मध्य प्रदेश), डुंगेश्वरी और बराबर की गुफाएं (बिहार) आदि प्रसिद्ध स्थल हैं।
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इन सबके अतिरिक्त भारत में कई लोकोत्सव, मेले में कई प्रकार के साहसिक क्रियाकलाप होते हैं। जैसे सोनपुर (बिहार) को विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र पशु मेला, जहां पशुओं के विभिन्न प्रकार के प्राचीन साहसिक खेल आयोजित होते हैं। मल्लयुद्ध, हाथीदौड़, निशानेबाजी, घुड़दौड़, बैलगाड़ी दौड़ कै अतिरिक्त और भी कई आयोजन होते हैं। जल्‍लीकट्टू तमिलनाडु में ओणम पर्व पर आयोजित 2000 वर्ष पुराना परंपरागत खेल है, जिसमें मनुष्य का सांड के साथ बाहुयुद्ध होता है। वर्तमान में कोर्ट ने इसपर रोक लगा दी है । भारत के आदिवासी क्षेत्रों में मनाए जाने वाले परंपरागत उत्सवों में कई प्रकार के साहसिक खेलों का प्रदर्शन होता है, जिसे पर्यटन मंत्रालय द्वारा सहेजने की तैयारी चल रही है।



साहसिक या रोमांचकारी पर्यटन के लिए चपलता, मानसिक धैर्य और सहनशक्ति, अनुभव, शारीरिक क्षमता, दक्षता और तकनीकि ज्ञान के साथ-साथ समुचित प्रशिक्षण और सुरक्षा ज्ञान की भी आवश्यकता होनी चाहिये। साहसिक खेल सुरक्षित उपकण, प्रशिक्षित निर्देशक और योग्य अधिकारियों का नेतृत्व में करने से यात्रा को रोमांच और जीवन सुरक्षा दोनो बनी रहती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पर्यटन मंत्री केजे अल्फोन्स के नेतृत्व में पर्यटन मंत्रालय ने भारत में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने और विशिष्ट रुचि वाले पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए वर्ष 2018 को 'साहसिक पर्यटन वर्ष ' के रुप में मान्यता दी है। साहसिक पर्यटन पर एक टास्क फोर्स अक्टूबर 2016 में देश में साहसिक पर्यटन के विकास और प्रचार से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करने के लिए स्थापित किया गया है।


एडवेंचर टूर ऑपरेटर एसोसिएशन (एटीओएआई) Adventure Tour Operator Associations Of India (ATOAI) के साथ पर्यटन मंत्रालय ने भारत में साहसिक पर्यटन के लिए सुरक्षा और गुणवत्ता मानदंडों विश्व स्तरीय बनाने के लिए ‘भारतीय साहसिक पर्यटन दिशानिर्देश (संस्करण 2.0) – 2018’ लॉन्च किया है। अतुल्य भारत अभियान के हिस्से के रूप में साहसिक पर्यटन क्रियाकलाप और उनसे जुड़े स्थलों को को नियमित रूप से भारत और विदेशों में प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, ऑनलाइन और आउटडोर मीडिया के साथ-साथ विदेशों में विभिन्न यात्रा व्यापार प्रदर्शनियों में प्रचारित किया जाता है। निश्चय ही भारतीय पर्यटन क्षेत्र का इतिहास जितना गौरवशाली था, भविष्य उतना ही उज्ज्वल है।
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