पटना हनुमान मंदिर में श्रद्धालुओं की सारी मनोकामनाएं होती है पूरी

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गुणाकरं कृपाकरं सुशान्तिदं यशस्करम्।
निजात्मबुद्धिदायकं भजेऽहमञ्जनीसुतम्॥

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मैं अंजनी पुत्र की पूजा करता हूँ, जो गुणों के भंडार है, जो अत्यंत कृपालु हैं, जो शांतिप्रद तथा गौरवशाली है और जो शाश्वत आत्म-ज्ञान के दाता हैं।

पटना जंक्शन, बिहार स्थित महावीर मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि लाखों लोगों के जीवन में बदलाव लाने वाला केंद्र है। भक्ति के साथ-साथ, यह मंदिर परीक्षा, नौकरी, बीमारी से मुक्ति, विवाह योग्य वर-वधू की प्राप्ति और भी कई मनोकामनाओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है।

पटना जंक्शन रेलवे कोड (PNBE) पर उतरने वाले यात्री, पर्यटक, परीक्षार्थी, नौकरी के इच्छुक, बीमार और उनके परिजन, सभी को यह मंदिर केवल शांति और आशीर्वाद ही नहीं, बल्कि ठंडा पानी, भोजन और गर्मी, सर्दी, बारिश में आश्रय भी प्रदान करता है।

क्या है मंदिर का इतिहास

इस मंदिर के बारे में मान्यता है की सन 1730 में प्रसिद्ध संप्रदाय रामनंदी संप्रदाय के स्वामी जी द्वारा निर्मित है।
स्वामी बालानंद जी द्वारा बिहार प्रवास के अंतर्गत इस मंदिर की स्थापना करके प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। तभी से मंदिर में भक्तगणों का तांता लगा रहता है। मंदिर में आए चढ़ावे से जनसामान्य के उन्नति हेतु कई कार्य किए जाते हैं। प्रसिद्ध महावीर कैंसर अस्पताल मंदिर न्यास द्वारा ही संचालित होते हैं। इसके अतिरिक्त देशभर में विभिन्न आपदाओं के समय यह मंदिर कई राहत कार्यक्रम संचालित कर चुकी है।

यह हनुमान मंदिर 1900 तक रामनंदी संप्रदाय के अंतर्गत रहा उसके बाद देश के आजादी के बाद तक यानी 1948 तक गोसाईं संन्यासियों के अंतर्गत रहा। 1948 में न्यायालय ने इस मंदिर को सार्वजनिक मंदिर घोषित कर दिया। 

वर्तमान मंदिर आचार्य किशोर कुणाल जी के सदप्रयास से फलीभूत हुआ है। 1985 से 1989 में वर्तमान मंदिर का निर्माण हुआ है जिसमें समय समय पर मंदिर सहित श्रद्धालुओं के सुरक्षा और सुविधा हेतु कई निरंतर आधुनिक निर्माण किए जा रहे हैं।
 
सेवानिवृत IPS (भारतीय पुलिस सेवा) आचार्य किशोर कुणाल जी इस मंदिर के वर्तमान सचिव है। इनके कार्यकाल में मंदिर न्यास द्वारा कई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है। 


हनुमान मंदिर में दो विग्रह का क्या है रहस्य

पटना जंक्शन के सामने अवस्थित भगवान हनुमान को समर्पित इस मंदिर में हनुमान जी की दो युग्म मूर्तियां हैं। एक मूर्ति श्रद्धालुओं के मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाली हैं तो दूसरा विग्रह आपके अंदर की दोष और बुराई को दूर करनेवाली है। प्रथम मूर्ति परित्राणाय साधूनाम् अर्थात अच्छे लोगों के कारज पूर्ण करने वाली है और दूसरी मूर्ति- विनाशाय च दुष्कृताम्, अर्थात बुरे लोगों की बुराई दूर करने वाली है।



मंदिर में भक्तगण श्रद्धापूर्वक माथा टेक कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और अपनी मंजिल की ओर बढ़ने के लिए प्रेरणा पाते हैं।

यहां कुछ विशेषताएं हैं जो महावीर मंदिर को अद्वितीय बनाती हैं:

* भक्ति और आध्यात्मिकता का केंद्र: यह मंदिर भगवान हनुमान जी को समर्पित है और भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता है।

* मनोकामना पूर्ति: यहाँ पर अनेकों लोगों की मनोकामनाएं पूरी हुई हैं, जिसके कारण श्रद्धालुओं की आस्था इस मंदिर के प्रति अटूट है।

* सामाजिक सेवा: मंदिर जरूरतमंदों को भोजन, आश्रय और चिकित्सा सहायता प्रदान करता है।

* सभी के लिए खुला: यह मंदिर जाति, धर्म या लिंग के भेदभाव के बिना सभी के लिए खुला है। भारी भीड़ होने के बावजूद यहां कोई वीआईपी दर्शन की व्यवस्था नहीं है।

यदि आप पटना आते हैं, तो पटना जंक्शन स्थित महावीर मंदिर का श्रद्धापूर्वक दर्शन अवश्य करें। यह आपको निश्चित रूप से आध्यात्मिक शांति, प्रेरणा और आपके मनोकामनाओं को पूर्ण करेगा।

महावीर मंदिर, पटना जंक्शन अतिरिक्त जानकारी:

* मंदिर का समय: सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक

* आरती का समय: सुबह 7 बजे, दोपहर 12 बजे और शाम 7 बजे

* मंदिर तक कैसे पहुंचे:

* पटना जंक्शन के ठीक मुख्य द्वार पर है।

* पटना जंक्शन के किसी भी प्लेटफार्म से पैदल 5 से 10 मिनट की दूरी पर

* पटना शहर के सभी अन्य रेलवे स्टेशन बस स्टैंड से ऑटो या रिक्शा द्वारा आसानी से जाया जा सकता है।




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