Dark Tourism or Black Tourism डार्क टूरिज्म क्या है? एक ऐसे प्रकार का पर्यटन है जो अक्सर त्रासदीपूर्ण घटनाओं, युद्ध स्थलों, महामारी अथवा नरसंहार से जुड़ी ऐतिहासिक अथवा आधुनिक स्थलों, अजीब और अज्ञात स्थानों और अन्य विषम पर्यटन स्थलों का अध्ययन करता है। इसमें विभिन्न प्रकार के स्थल शामिल हो सकते हैं। जैसे कि वायु प्रदूषण से सैकड़ों मृत्यु से जुड़े स्थल, भूकंप ग्रस्त प्रदेश, सुनामी वाले तटीय प्रदेश, बमबारी, आगजनी वाले स्थल, महामारी से होने वाले मृत्यु स्थल, युद्ध स्थल, कुख्यात इस्लामिक आतंकवादी ग्रुप और गैंगस्टर द्वारा हमले से ग्रसित स्थल आदि शामिल हैं। डार्क टूरिज्म अथवा ब्लैक टूरिज्म का उद्देश्य अधिकतर इतिहास और विज्ञान के मामलों में संलग्न है और इसका मुख्य फायदा अपने ज्ञान को बढ़ाने के साथ-साथ मानवीय भूल, बर्बरता, चरमपंथियों की अज्ञानता और शासकों की मूर्खता को समझने और उनसे सीख लेने हेतु, नए स्थानों और लोगों से मुलाकात करने से आता है।
यह पर्यटन बहुत सारे नकारात्मक सामग्री को संदर्भित करता है, जो उन घटनाओं से जुड़ी होती है जो समान्यतः असामान्य और अनैतिक होती हैं। इसलिए, यह पर्यटन आमतौर पर सामाजिक नैतिकता, मानवाधिकार और आत्महत्या जैसी महत्वपूर्ण विषयों को भी संदर्भित करता है।
भारत के कुछ प्रमुख डार्क टूरिज्म स्थल
Top Dark Tourism Places in India
जलियांवाला बाग, अमृतसर (Jaliyawala Bagh, Amritsar):
जलियांवाला बाग अमृतसर में है और भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में भारतीय लोगों का बलिदान और अंग्रेजी बर्बरता को दर्शाता है। इसे ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों के खिलाफ जुलाई 1919 में किया गया अमानवीय अत्याचार के लिए कुख्यात है। इसमें वैशाखी जैसे पर्व के दिन शांतिपूर्ण तरीके से किए जा रहे आयोजन के दौरान चारो तरफ से घेर कर लोगों को गोलियों से भून दिया गया था। सैकड़ों लोग बलिदान हो गए थे।
चित्तौरगढ़ क़िला, राजस्थान (Chittaurgadh Fort, Rajasthan):
राजस्थान में स्थित चित्तौड़गढ़ क़िला में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जिनके बारे में अधिकांश लोगों को कम जानकारी है। त्याग, तपस्या बलिदान, वीरता, भक्ति, शक्ति, प्रेम, कला स्थापत्य, गायन, यह क़िला महाराणा प्रताप के संग्राम का भी इतिहास रखता है जब उन्होंने अकबर के विरुद्ध लड़ाई लड़ी थी। आतताई, अय्यास, हत्यारे, लुटेरे और धोखेबाज खिलजी के युद्ध हत्या और महारानी देवी पद्मावती जी और हजारों नारियों के खिलजी और उसके पापी सैनिकों के बुरी नजरों से बचने हेतु अग्नि में अपनी आहुति देने हेतु विख्यात है। शौर्य, बलिदान, त्याग, भक्ति और राष्ट्रभक्ति का इससे विप्लव उदाहरण और कहीं नहीं मिलेगा।
26/11 आतंकवादी हमला, मुंबई, (26/11 Terror Attack, Mumbai) :
मुंबई में ताजमहल होटल एक 5 सितारा होटल है जो अपने शानदार इंटीरियर, स्वादिष्ट भोजन और आतिथ्य के लिए आज भी प्रसिद्ध है। लेकिन अब, यह 2008 के 26/11 हमले के प्रमुख स्थानों में से एक है। नौ शैतान पाकिस्तानी इस्लामिक आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले में भारत के 175 निर्दोष व्यक्तियों की जाने चली गई थी। इसके हांटेड कहानियां भी चर्चित हुई थी। लेकिन यहां आने वाले टूरिस्ट और कर्मचारियों ने हांटेड कहानियों को पूरी तरह से नकार दिया है।
भोपाल गैस त्रासदी (Bhopal Gas Tragedy):
भोपाल में 1984 में हुए एक यूनियन कार्बाइड संयंत्र में अत्यंत जहरीले मिथाइल आइसोसाइनेट गैस का रिसाव के कारण लाखों लोग हताहत हुए थे और हजारों की मृत्य हुई थी। यह एक अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारण आज भी इस क्षेत्र में कई लोग दिव्यांग की स्थिति में है। भोपाल गैस की भयानक त्रासदी विश्व के एक दुखद स्मृति से जुड़ी हुई है।
सेल्युलर जेल (काला पानी), अंडमान Cellular Jail Kala Pani, Andman:
पोर्ट ब्लेयर में स्थित सेल्युलर जेल, एक औपनिवेशिक युग का जेल है जिसका उपयोग अंग्रेजों द्वारा भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान राजनीतिक कैदियों को यातना-पूर्वक कैद करने के लिए किया गया था। यह जेल अपनी कठोर परिस्थितियों और यातना के तरीकों के लिए अब भी कुख्यात है। अंग्रेजों द्वारा काला पानी की सजा को दंड मृत्य दंड से भी कठिन माना जाता था। स्वातंत्र्य वीर विनायक दामोदर सावरकर जी को अंग्रेजों ने आजीवन नहीं दो जन्मों का कारावास इसी काले पानी में दिया था। काले पानी की कठिन सजा काटते भारतीय क्रांतिकारी का मन अवसाद से ग्रस्त हो आत्महत्या तक पहुंच जाता था। वहां भी क्रांतिकारियों के मन उत्साह और राष्ट्रभक्ति का अलख जगाते रहते थे। उन्होंने कहा था आज भले यहां जीवन कठिन है लेकिन भविष्य में यह स्वतंत्रता सेनानियों के स्मारक के तौर पर जाना जाएगा। वास्तव में आज यह स्थल यह एक राष्ट्रीय स्मारक और संग्रहालय के रूप में परिणत हो गया है, जो स्वतंत्रता सेनानियों के कठिन जीवन के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
चौरी चौरा, उत्तर प्रदेश (Chaura Chauri, Uttar Pradesh):
चौरी चौरा उत्तर प्रदेश का एक छोटा सा शहर है, जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम की एक महत्वपूर्ण घटना के लिए जाना जाता है। 1922 में, ब्रिटिश राज के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन के दौरान, प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने एक पुलिस स्टेशन में आग लगा दी, जिसके परिणामस्वरूप 22 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। इस घटना के कारण महात्मा गांधी को असहयोग आंदोलन स्थगित करना पड़ा। चौरी चौरा में इस घटना की स्मृति में एक स्मारक है।
त्सोमगो झील, गंगटोक, सिक्किम (Tsongmo Lake, Gangtok, Sikkim):
यह एक सुरम्य मनोहारी झील होने के बावजूद, 1962 के चीन-भारत युद्ध के दौरान भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच लड़ी गई भीषण लड़ाई के कारण एक काला इतिहास रखती है। भारतीय सेना की वीरता और चाइनीज सेना का दोगलापन के साथ क्रूरतापूर्ण हत्या के कारण यह क्षेत्र प्राकृतिक पर्यटन स्थल होने के बावजूद डार्क टूरिज्म के अंतर्गत भी प्रसिद्ध है।
डुमास बीच, सूरत, गुजरात (Dumas Beach, Surat, Gujrat):
सूरत से 21 किमी की दूरी पर स्थित इस समुद्री किनारे की रेत काली है। और निकट में शवदाह गृह होने के कारण कई स्थानीय स्तर पर कई कहानियां चर्चित है। किसी को रोने सिसकने की आवाज तो किसी को चिल्लाने की आवाज सुनाई देती है। हालांकि कुछ लोगो ने इसे कोरी अफवाह भी कहा है। तो पर्यटकों ने अपने डरावने अनुभव भी बताएं हैं। बुरे अनुभवों के कारण प्रेत वाधित माना जाता है। और इस क्षेत्र को डार्क टूरिज्म के अंतर्गत माना गया है।
कुलधारा, राजस्थान (Kuldhara, Rajasthan):
भयावह अतीत वाला एक परित्यक्त गांव है कुलधारा, इस गांव के बारे में माना जाता है कि 19वीं शताब्दी में इस कुलधारा गांव के सभी ग्रामीण रहस्यमय तरीके से रातों-रात गायब हो गायब हो गए थे। जिसके बाद से यह शापित माना जाने लगा था। पर्यटकों द्वारा कई भुतहा कहानियां भी प्रसिद्ध है, कुछ अन्य पर्यटकों ने अपने बुरे अनुभव भी साझा किए हैं। इस गांव को राष्ट्रीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अंतर्गत इसका रख रखाव किया जाता है। संध्या बेला के पश्चात किसी को अंदर जाने की अनुमति नहीं है।
भानगढ़ का किला, राजस्थान (Bhangadh Fort, Rajasthan):
राजस्थान भारत के सबसे डरावने स्थलों में से एक इस भानगढ़ किले के कई किस्से प्रसिद्ध है। आज भी इस किले में संध्या बेला में कोई नही रुकता है। कहा जाता है किसी संत के शाप के कारण यह किला उजाड़ हो गया था। स्थानीय लोगों ग्रामीणों अनुसार यह हांटेड हैं। विभिन्न प्रकार की आवाजों, थप्पड़ मारना, दिन मेंं भी ऐसा लगना जैसे कोई साथ चल रहा हो। परछाई दिखना इत्यादि कुछ घटनाएं दिन के समय भी होती रहती है। दिल्ली से मात्र 300 किमी दूर अलवर से कैब या टैक्सी के माध्यम से जाया जा सकता है।
रूपकुंड झील, चमोली उत्तराखंड (RoopKund Lake, Chamoli, Uttrakhand):
हिमालय के सुदूर पर्वतीय क्षेत्र में स्थित रूपकुंड झील एक हिम झील है। जहां सैकड़ों मानव कंकाल पाए गए हैं। समुद्र तल से 16500 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस बर्फीले झील पर पहुंचना ही मुश्किल है ऐसे स्थान पर सैकड़ों मानव कंकालों का पाया जाना आश्चर्य जनक है। तीर्थयात्रा, रोमांच के शौकीन और हांटेड स्थल देखने में रुचि रखने वाले व्यक्ति वहां जाकर आश्चर्य में पड़ जाते हैं। आखिर क्या कारण है की वहां इतने सारे मानव कंकाल पाए गए हैं सभी खोजकर्ताओं के अलग अलग अनुमान हैं।
#DarkTourism #DarkTravel #DeathTourism #BlackTourism #DarkTourismInIndia #DarkTourismPlace #BlackTourism #DarkTrip









बहुत सुंदर, जानकारी भरा पोस्ट
जवाब देंहटाएं