Hitchhiking HomeStay Couch Surfing Lift Tacking Bonfire

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 Hitchhiking(हिचहाइकिंग),HomeStay(होमस्टे) Couch Surfing(काउच सर्फिंग) Lift(लिफ्ट),  tracking(ट्रैकिंग) Bonfire (बोनफायर पार्टी) इत्यादि अंग्रेजी के शब्द भले सुनने में cool और स्टैण्डर्ड लगते हों। डिजिटल युग में ऐसे नामों से अनेकानेक वेबसाइट्स और मोबाइल एप्प्स भी बन चुके हैं।

Hitchhiking HomeStay Couch Surfing Lift tracking Bonfire
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लेकिन जहां तक मैं जानता हूँ ये सब शब्दों के अंतर का खेलभर है। बांकी इस प्रकार की यायावरी/घुमक्कड़ी की  पद्धति भारतीय यायावरों की प्राचीन परिपाटी रही है। तीर्थाटन और देशाटन में इसका विशेष महत्व था।


मानव सभ्यता के विकाश में यायावरों, घुमक्कडों के साथ-साथ पर्यटकों का विशेष योगदान रहा है। यही नही सांस्कृतिक चेतना उत्थान, धर्म रक्षा, विद्याध्यन, स्वतंत्रता संग्राम इत्यादि में भी घुमक्कडों का विशेष योगदान रहा है।


भगवान महावीर स्वामी, भगवान बुद्ध, गुरु नानकजी, गुरु गोरखनाथ ही नही, आजादी के सिपहसालार, सुभाष बाबू,लाल, बाल, पाल, भगत सिंह, आध्यामिक विचारकों में स्वामी विवेकानंद, महर्षि अरविंदजी , पर्यटन साहित्य के पुरोधा अज्ञेय जी व सांकृत्यायन जी,  द्वितीय सरसंघ चालक गुरुजी, हिंदी को अंतराष्ट्रीय सम्मान दिलाने वाले काका कालेलकरजी, वर्तमान में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी इत्यादि अनेकानेक नाम हैं। 

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ऐसे सैकड़ों महान नाम है जिन्होंने इस प्रकार के जीवन को बेहतरीन तरीक़े से जीया है। युगों तक के लिए दूसरों के लिए प्रेरणा बन चुके है। हजारों घुमक्कड़ उनसे प्रेरित होकर या स्वप्रेरणा से विश्वभ्रमण पर है, तीर्थाटन, देशाटन, घुमक्कड़ी, यायावरी और पर्यटन इत्यादि आज भी कर रहें हैं। 


वर्तमान में भी कई घुमक्कड़ हैं जो इस प्रकार की परिपाटी पर चल रहे हैं। प्रकृति से जुड़े रहते हैं दूसरों की भावनाओं, संस्कृतियों का सम्मान करते हुए अपने अनुभवों का आदानप्रदान करते हुए इस परिपाटी को आगे बढ़ा रहे हैं। 


बस इस कलियुग में कुछ कालनेमि के व्यक्तिगत लोभ के कारण सामान्य व्यक्ति कालनेमि  के साथ साथ वास्तविक घुमक्कडों की सहायता करने से भी डरने लगा है।


नोट- पर्यटक एवं पर्यटन व्यवसाय से इतर पोस्ट है ये। इस पोस्ट को अन्यथा ना समझा जाये।


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