Nanda Devi: नंदा देवी राजजात यात्रा, विश्व विरासत स्थल नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान एवं फूलों की घाटी

0
विश्व विरासत स्थल नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान (फूलों की घाटी) World heritage Site Nanda Devi (Valley of Flowers National Park) एक विश्व विरासत स्थल है और भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित है। उत्तराखंड भारतवर्ष का एक प्रमुख राज्य है। यह सांस्कृतिक, धार्मिक एवं प्राकृतिक रूप से समृद्ध है। उत्तराखंड का अधिकांश भाग प्राकृतिक, धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक एवं आध्यात्मिक रूप से संपन्न होने के कारण ही, देसी-विदेशी सैलानियों और तीर्थयात्रियों के लिए यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। भारतीय पर्यटन दृष्टिकोण से उत्तराखंड धार्मिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, साहसिक, प्राकृतिक और सामाजिक पर्यटन का केन्द्र भी है।



उत्तराखंड राज्य के नंदा देवी पर्वत शिखर देश की सर्वोच्च चोटी कंचनजंगा के बाद दूसरे स्थान पर आती है। और विश्व में इसका स्थान 23वां है। समुद्रतल से इसकी उंचाई 7,816 मीटर यानी 25,643 फीट है। नंदा देवी वन्य क्षेत्र व पर्वत श्रृंखला भारत के उत्तराखंड राज्य के चमोली में अवस्थित है। नन्दादेवी के दोनों ओर ग्लेशियर यानी हिमनद हैं। इसके पूर्व में गौरी गंगा तथा पश्चिम में ऋषि गंगा है। इन हिमनदों के बर्फ पिघलकर एक नदी का रूप ले लेती है। जो गंगाजी की सहायक नदी अलकनंदा से मिल जाती है।


नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान (फूलों की घाटी) Nanda Devi (Valley of Flowers National Park)


नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान फूलों की घाटी(Valley of Flowers National Park) उत्तराखंड राज्य का लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। पूर्वी और पश्चिमी पर्वत क्षेत्र के मध्य 2 किलोमीटर का लंबा हरित क्षेत्र (घाटी क्षेत्र) अपने प्राकृतिक वनस्पतियों और जीव-जंतुओं, हिम पहाड़ियों तथा नदियों से परिपूर्ण होने के कारण यह पूरा क्षेत्र नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया जा चुका है। नंदा देवी पुष्पघाटी एवं पर्वत शिखर को संसार के सर्वाधिक मनमोहक प्राकृतिक परिदृश्य, वनस्पति एवं जीवों से संपन्नता के कारण ही वर्ष 1988 में यूनेस्को द्वारा प्राकृतिक महत्व की विश्व विरासत स्थल का सम्मान प्राप्त हो चुका है।



World heritage Site Nanda Devi (Valley of Flowers National Park) विश्व विरासत स्थल नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान (फूलों की घाटी)


नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान में आकर हिमालयी भालू, सिरो, हिम तेंदुआ, भूरा भालू, रूबी थ्रोट, हिमालयी भरल, लंगूर, ग्रोसबिक्सक, कस्तू्री मृग और हिमालयी तहर आदी पशुओं के साथ सैकड़ों किस्म के पक्षियों के प्राकृतिक आवास के लिए प्रसिद्ध है। साथ ही अपने मोहक पर्यावरण, सैकड़ों प्रकार के रंगबिरंगे पुष्पों और तितलियों के कारण ही इसे फूलों की घाटी संबोधित किया जाता है, आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ, हिम पहाड़ियाँ, शुभ्र बादल और नीला आकाश तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों को स्वार्गिक अनुभव प्रदान करते है। फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान भारत की राजधानी दिल्ली से 595 किमी दूर स्थित है। इस घाटी का सबसे पहले पता ब्रिटिश पर्वतारोही फ्रैंक एस स्मिथ (Frank S Smith) और उनके साथी आर एल होल्डसवर्थ (R. L. Holdsworth) जो मांउट कामेंट की यात्रा की वापसी में अचानक से दिख जाने पर पता लगा।



नंदा देवी राजजात यात्रा (हिमालयी महाकुंभ) Nanda Devi Rajjat Yatra


नंदा देवी माता को हिमालय क्षेत्र की मुख्य देवी के रूप में माना जाता है। पुरानी परंपराओं के अनुसार नंदा देवी को भगवान शिव की पत्नी और पर्वतराज हिमालय की बेटी माना गया है। नन्दा देवी गढ़वाल के राजाओं के साथ-साथ कुँमाऊ के कत्युरी राजवंश की भी ईष्टदेवी हैं। इसी कारणवश इन्हे राजराजेश्वरी कहकर भी सम्बोधित किया जाता है। यह ऐतिहासिक, धार्मिक राजजात यात्रा प्रत्येक 12 वर्ष या उससे अधिक समय पर आयोजित होती है। इस यात्रा में लगभग 280 किलोमीटर की दूरी चमोली के नौटी गाँव से शुरू होकर 20 दिन में बीस पड़ावों से गुजर कर हेमकुण्ड तक जाती है, जंगलों, पथरीले मार्गों, दुर्गम चोटियों और बर्फीले पहाड़ों को पार कर पूरा करना पड़ता है।


नंदा देवी राजजात यात्रा (हिमालयी महाकुंभ) Nanda Devi Rajjat Yatra Himalyi Maha Kumbh कब-कब हुए?


राजजात समिति के अभिलेखों के अनुसार हिमालयी महाकुंभ श्रीनंदा देवी राजजात वर्ष 1843, 1863, 1886, 1905, 1925, 1951, 1968, 1987 , 2000 तथा 2014 में आयोजित हो चुकी है। विश्व की सबसे लंबी पैदल यात्रा हिमालयी महाकुंभ कहलाती है, जो भारत की धार्मिक, सांस्कृतिक विरासत के साथ-साथ कई रहस्य और रोमांच को भी संजोए हुए है।


नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान (फूलों की घाटी) कैसे जाएं?


हवाई मार्ग - निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट देहरादून नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान से लगभग 295 किमी की दूरी पर है।

रेल मार्ग - निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश 276 किमी की दूरी पर है।

सड़क मार्ग - जोशीमठ तक पक्की सड़कों द्वारा जहां से नंदा देवी फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान तक पहुंचने के लिए ट्रेकिंग करना पड़ता है।


विश्व विरासत नंदा देवी फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान Nanda Devi (Valley of Flowers National Park)में निम्नलिखित कार्य प्रतिबंधित हैं।



प्रवेश: उद्यान में बिना अनुमति के प्रवेश वर्जित है।

पशु: उद्यान में पशुओं को ले जाना, चराना या चुगाना निषिद्ध है।

खुदाई: उद्यान क्षेत्र में किसी भी प्रकार की खुदाई करना वर्जित है।

अस्त्र-शस्त्र: उद्यान में अस्त्र-शस्त्र या विस्फोटक पदार्थ ले जाना या प्रयोग करना निषिद्ध है।

आग: उद्यान में स्टोव, मिट्टी का तेल आदि का प्रयोग या आग जलाना वर्जित है। रात्रि विश्राम के लिए निर्धारित स्थलों का ही उपयोग करें।

वनस्पति और जीव: उद्यान में फूल तोड़ना, पौधे उखाड़ना, जड़ी-बूटी एकत्रित करना, कूड़ा फेंकना या किसी भी प्रकार से वनस्पति या जीव-जंतुओं को नुकसान पहुंचाना सख्त मना है।

असामाजिक गतिविधियाँ: उद्यान में किसी भी प्रकार की असामाजिक गतिविधि में संलग्न होना वर्जित है। संदिग्ध गतिविधि देखने पर वन विभाग के कर्मचारियों को सूचित करें।

स्वच्छता: सभी पर्यटकों का कर्तव्य है कि वे उद्यान क्षेत्र को स्वच्छ रखें।

उद्यान के अंदर किसी प्रकार के वनस्पति को नष्ट करने की कोशिश, वनस्पति को तोड़ना व उखाड़ना और जीव जंतुओं को मारना या जीवित ले जाना या उन्हे किसी भी प्रकार की क्षति पहुंचाना वर्जित है।

किसी भी प्रकार की असामाजिक गतिविधि, संदेहास्पद वस्तु को देखने पर वन विभाग के कर्मचारियों को रिपोर्ट करना तथा क्षेत्र को स्वच्छ बनाए रखना का उद्यान क्षेत्र में उपस्थित सभी सैलानियों का कर्तव्य की तरह पालन करना चाहिए।



माधव कुमार

बेगूसराय, बिहार

पर्यटन अध्ययन में स्नातक और यात्रा एवं पर्यटन प्रबंधन में स्नातकोत्तर (इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय)

स्वतंत्र शोध और लेखन



एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)