Krishna Janmashtami: देखना है कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव जरूर जाएं इन स्थलों पर।

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Janmasthmi : जन्माष्टमी एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन के रूप में भारत में ही नही बल्कि पूरे विश्व में भक्ति, उत्साह और भव्यता के साथ मनाया जाता है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को प्रत्येक वर्ष मनाई जाती है। इस बार 6-7 सितंबर 2023 को श्री कृष्ण जन्माष्टमी है। सनातन धर्म में भगवान श्री कृष्ण को महत्वपूर्ण अवतार माना जाता है। उनके प्रत्येक रूप और चरित्र के करोड़ों भक्त हैं। उनकी वाणी श्रीमद्भागवत गीता जी को एक महत्वपूर्ण ग्रंथ के रूप में हिंदू धर्म सहित अन्य धर्मों में भी सम्मान प्राप्त है। जन्माष्टमी उत्सव में लोग घर और मंदिरो में सजावट करते हैं, नए वस्त्र पहनते हैं, दही हांडी जैसे विभिन्न आयोजन होते हैं, लाइटिंग, मेले, भंडारे, मध्यरात्रि समारोह, नृत्य प्रदर्शन, भजन, आरती, पूजा-पाठ, उपवास और प्रत्येक क्षेत्र में और उनके स्थानीय रीति-रिवाजों के साथ जन्माष्टमी उत्साह पूर्वक मनाया जाता है।


Krishna Janmashtami: देखना है कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव जरूर जाएं इन स्थलों पर।


अगर आप इस जन्माष्टमी को विशेष बनाना चाहते हैं, तो आप अपने परिजनों और मित्रों के साथ बाहर जाने की योजना बना सकते हैं। आज, हम आपको बताएंगे कुछ ऐसे स्थानों के बारे में, जहां पर आप घूमने के साथ-साथ जन्माष्टमी उत्सव को अच्छे से सेलिब्रेट कर सकते है।




श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर घूमने के लिए कई स्थान हैं। इनमें से कुछ प्रमुख स्थान निम्नलिखित हैं:




मथुरा : 


भगवान श्री कृष्ण का जन्म स्थल होने के कारण जन्माष्टमी उत्सव मनाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल है। इस शहर में भगवान कृष्ण से जुड़े कई मंदिर हैं। जिसमें जन्मभूमि और द्वारकाधीश मंदिर प्रसिद्ध हैं। जन्माष्टमी के मौके पर मथुरा के मंदिरो, घरों और गलियों को खूबसूरती से सजाया जाता हैं, यहां जन्माष्टमी के दिन विशेष पूजा और महाअभिषेक कार्यक्रम आयोजित होते हैं, भगवान श्री कृष्ण के जीवन चरित्र पर आधारित लीलाओं का मंचन सहित कई तरह के धार्मिक आयोजन होते हैं। जो दर्शनीय, भव्य, आकर्षक और बड़े ही उत्सवपूर्ण होते हैं। मथुरा के आसपास के गांवों के मंदिरो में भी जन्माष्टमी के खास उत्सव होते हैं, जहां आप स्थानीय कला और संस्कृति का दर्शन कर सकते हैं। मथुरा भारत के लगभग सभी शहरों से सड़क और रेलमार्ग से जुड़ा हुआ है। हर केटेगरी और बजट के होटल, धर्मशाला और होमस्टे यहां उपलब्ध रहते हैं।




वृंदावन एवं गोकुल : 


वृंदावन भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का स्थल है। इस शहर में भगवान कृष्ण से जुड़े कई मंदिर और यमुना जी के घाट हैं। बांके बिहारी मंदिर, निधिवन, इस्कॉन वृंदावन मंदिर, प्रेम मंदिर, श्री राधा रमण मंदिर, श्री रंगनाथ मंदिर, श्री राधा वल्लभ मंदिर, श्री गोविंद देवजी मंदिर इतने भव्य हैं की पूरे वर्ष भर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। जन्माष्टमी के खास मौके पर वृंदावन की छटा स्वर्ग से भी सुंदर हो जाती है जो देखते ही बनती है। वृंदावन की गलियों को खूबसूरती से सजाया जाता हैं और यहां कई तरह के धार्मिक आयोजन होते हैं। मथुरा से मात्र 15 किमी दूर है जहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां फ्री ठहराव के साथ साथ हर प्रकार के होटल, धर्मशाला, होमेस्टे और हॉस्टल उपलब्ध है।




द्वारका : 


द्वारकापुरी भगवान कृष्ण द्वारा ही बसाई हुई प्राचीन नगरी है। इस शहर में भगवान कृष्ण से जुड़े कई मंदिर हैं जिसमें द्वारकाधीश मंदिर (जगत मंदिर), रुक्मिणी देवी मंदिर, इस्कान मंदिर आदि प्रमुख है। जन्माष्टमी के मौके पर द्वारका की गलियां खूबसूरती से सजाई जाती हैं और यहां कई तरह के धार्मिक आयोजन होते हैं। जन्माष्टमी में अवश्य घूमने जाएं भव्य मंदिरों, उत्सव, गुजराती खानपान के बाद शांत समुद्र तट पर घूमना बहुत अच्छा लगेगा।




पुरी : 


पुरी में भगवान जगन्नाथ का मंदिर और रथयात्रा विश्व प्रसिद्ध है। लेकिन पुरी की जन्माष्टमी भी अनोखी होती है। भगवान जगन्नाथ को श्री कृष्ण का ही रूप माना जाता है। जन्माष्टमी के मौके जगन्नाथ मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान होते हैं उस समय 4 घंटे मंदिर बंद रहता है। अनुष्ठान उपरांत भक्तों के लिए मंदिर खोला जाता है। उसके बाद प्रसाद वितरण, गायन, लोकनृत्य, भंडारे, रासलीला का आयोजन, भजन आदि कई तरह के उत्सव होते हैं। जिसमें श्रद्धालु बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हैं।




उज्जैन : 


भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली उज्जैन में भगवान कृष्ण के भक्तों के लिए कई मंदिर हैं। सांदीपिनी आश्रम, गोपाल मंदिर, इस्कान मंदिर आदि में तीन दिवसीय जन्माष्टमी उत्सव मनाया जाता है। कई तरह के धार्मिक आयोजन होते हैं। श्री कृष्ण व्यंजन महोत्सव, कृष्ण लीलाओं का मंचन, भजन, संगीत, और साथ में भंडारे,भगवान कृष्ण का प्रिय प्रसाद 'पंजीरीसी तो पूरा दिन बांटा जाता है। उज्जैन की जन्माष्टमी आपको अवश्य देखनी चाहिए।




मुंबई :


मुंबई में जन्माष्टमी का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यहां पर भगवान कृष्ण के मंदिरो को और मूर्तियों को सजाया जाता हैं, दही हांडी और रास लीला का आयोजन होता है। जिसमें गोपियां और गोविंदा बनकर भक्त लोग नृत्य, गायन, वादन, दही हांडी और रासलीला आदि का आयोजन करके आनंद लेते हैं। मुंबई के मंदिरों में कीर्तन, आरती, और प्रसाद वितरण की प्रक्रिया होती है। इस अवसर पर, मुंबई के इस्कान मंदिर सहित कई मंदिरों में भक्तों का स्वागत किया जाता है और धूमधाम से जन्माष्टमी मनाई जाती है।




राजस्थान :


राजस्थान के कई क्षेत्रों में जन्माष्टमी बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। विश्व विख्यात श्रीनाथजी मंदिर में हर साल श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व अनूठे अंदाज में मनाई जाती है।यहां प्रभु के जन्म के समय दो तोपों से 21 बार गोले दागकर भगवान को सलामी दी जाती है। जन्माष्टमी की सजावट, सांस्कृतिक कार्यक्रम,मेले और उत्सव के सामने स्वर्गलोक की सुंदरता भी कम लगने लगती है। राजस्थान के सीकर जिले के खाटू गांव में स्थित प्रसिद्ध खाटू श्याम मंदिर की जन्माष्टमी विशेष होती है। इसके अतिरिक्त चित्तौड़, भीलवाड़ा, जयपुर जैसे शहरों में भी जन्माष्टमी की शोभा देखने लायक होती है।




बिहार :


बिहार में जन्माष्टमी उत्सव सुनकर अन्य क्षेत्रों के लोगो को आश्चर्य होगा लेकिन बिहार के बेगूसराय जिले के बरौनी, तेघड़ा जैसे प्रखंड में एक शताब्दी से जन्माष्टमी का भव्य आयोजन होता आ रहा है। पटना के इस्कान सहित अन्य मंदिर और ठाकुरबाड़ी, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी आदि जैसे शहरों में ही नही सुदूर गांव में भी जन्माष्टमी को एक उत्सव के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है। मंदिर चाहे छोटा हो लेकिन जन्माष्टमी बड़ा भव्य मनाया जाता है। मेला, देश दुनियां के प्रसिद्ध स्थलों के डमी प्रवेश द्वार बनाया जाता है, कृष्ण लीला, बिजली पर चलने वाली मूर्तियां, मेले में भव्य सजावट, नाटक, भंडारे, नाच, खान पान, लोक कला, हाट बाजार आदि सजे रहते हैं। जन्माष्टमी में ग्रामीण पर्यटन को देखना है तो बिहार के बेगूसराय अवश्य आएं।



Krishna Janmashtami: देखना है कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव जरूर जाएं इन स्थलों पर।
राधा माधव की मनमोहक छवि, बाल गोपाल ठाकुड़बाड़ी, पचम्बा, बेगूसराय




इन प्रसिद्ध स्थानों के अलावा, भारत सहित विश्व में कई स्थानों पर आपके नजदीकी मंदिरों में जन्माष्टमी के मौके पर कई तरह के धार्मिक आयोजन होते हैं। यदि आप श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर घूमने की योजना बना रहे हैं, तो इन स्थानों पर अवश्य जाएं। इन स्थानों पर आपको श्री कृष्ण के बारे में बहुत कुछ जानने और उनके भक्तों के साथ मिलकर उनके जन्मोत्सव को सेलिब्रेट कर अदभुत आनंद प्राप्त होगा।



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माधव कुमार

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